हरियाणा यूट्यूबर ध्रुव राठी के नए वीडियो पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने आपत्ति जताई है। ध्रुव ने रविवार रात को ‘बंदा सिंह बहादुर की कहानी’ पर एक वीडियो अपलोड किया। इस वीडियो में उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करके सिख गुरुओं, शहीद योद्धाओं और उनके परिवार के सदस्यों के एनिमेशन चलाए। बंदा सिंह बहादुर को रॉबिन हुड भी कहा जाता था।
एसजीपीसी महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि सिखों को अपना इतिहास जानने के लिए ध्रुव राठी के एआई आधारित वीडियो की जरूरत नहीं है। ध्रुव राठी ने श्री गुरु तेग बहादुर जी और बाबा बंदा सिंह बहादुर की शहादत से जुड़े कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है।
उन्होंने कहा कि गुरुओं के नामों का उल्लेख सम्मानपूर्वक नहीं किया गया, जो बहुत आपत्तिजनक है। उन्होंने सरकार से ध्रुव राठी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की अपील की है।
विवाद बढ़ने पर ध्रुव राठी ने एक वीडियो जारी कर कहा…
सिख समुदाय के लोगों का कहना है कि वीडियो में सिख गुरुओं को एनिमेशन में दिखाना गलत है। लोग मुझे सोशल मीडिया पर अपनी राय दे सकते हैं। इसके बाद मैं वीडियो हटा दूंगा या कोई अन्य कार्रवाई करूंगा।
ध्रुव राठी के स्पष्टीकरण में 3 महत्वपूर्ण बिंदु…
कई लोगों को पसंद आया वीडियो: ध्रुव राठी ने वीडियो जारी करते हुए कहा- “एनीमेशन वीडियो बनाने में काफी मेहनत की गई है। एआई की वजह से ही कहानी को एनिमेशन के जरिए दिखाना संभव हो पाया। कई लोगों को यह वीडियो पसंद भी आया, लेकिन सिख समुदाय के कुछ लोगों का मानना है कि सिख गुरुओं को एनिमेशन के जरिए दिखाना गलत है। गुरु गोविंद सिंह जी को इस तरह दिखाना सही नहीं है।”
बिना फोटो के वीडियो संभव नहीं: ध्रुव ने सोशल मीडिया पर एक पोल कराया और सिख समुदाय से पूछा, “अगर यह उनके सिद्धांतों के खिलाफ है, तो क्या मुझे यह वीडियो हटा देना चाहिए? अगर हां, तो आप मुझे कमेंट में बता सकते हैं। अगर नहीं, तो मैं वीडियो को ऐसे ही छोड़ सकता हूं, या कुछ हिस्सों को ब्लर कर सकता हूं। किसी भी सिख गुरु की कहानी पर बिना फोटो के वीडियो बनाना संभव नहीं है।”