पति की बेल के कागजात लेकर बैठी सतिंदर कौर व बीमार सास।
पंजाब के गुरदासपुर में नशा तस्करी के खिलाफ एक बड़ा फैसला सामने आया है। गुरदासपुर के गांव कीड़ी अफगाना की पंचायत ने एक महत्वपूर्ण मत पारित किया है। जिसमें गांव के किसी भी क्रिमिनल व्यक्ति का साथ न देने का निर्णय लिया गया है। यह मामला तब सामने आया, जब
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सरपंच और नंबरदार ने हस्ताक्षर से किया मना
संदीप सिंह वर्तमान में जेल में बंद है, जिसे कोर्ट ने एक मामले में 10 साल की सजा सुनाई है। जब महिला गांव के सरपंच संदीप सिंह और नंबरदार बलबीर सिंह के पास जमानत के कागजातों पर हस्ताक्षर करवाने गई, तो उन्होंने साफ मना कर दिया। पंचायत के इस कदम के पीछे पंजाब सरकार की नशा विरोधी मुहिम का बड़ा योगदान है।
नशा विरोधी कमेटियां गठित
सरकार ने नशे को जड़ से खत्म करने के लिए गांव-गांव में नशा विरोधी कमेटियां गठित की हैं। साथ ही सभी पंचायतों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी नशा तस्कर का सहयोग न करें। कीड़ी अफगाना की पंचायत ने इस निर्देश को गंभीरता से लेते हुए यह कड़ा फैसला लिया है, जो अन्य गांवों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।

जानकारी देता ग्रामीण।
चोरी के केस में जेल में बंद
जानकारी देते हुए चोरी के मामले में जेल में बंद संदीप सिंह उर्फ साबी की पत्नी सतिंदर कौर ने बताया कि उसका पति जेल में बंद है, जिसे 10 साल की सजा हुई है और घर पर वह और उसकी सास अकेली रहती है। पिछले कुछ दिनों से उसकी सास काफी बीमार है, जिनका ऑपरेशन होना है। घर पर उसकी देखभाल करने के लिए कोई नहीं है, इसलिए उसने अपने पति की बेल के कागजात भरे हैं।
जिन पर सरपंच और नंबरदार के साइन होने है, वह कई बार सरपंच और नंबरदार के पास गई है, लेकिन किसी ने भी उसे साइन नहीं करके दिए।
सरपंच को नहीं दिया था वोट, इसलिए इनकार
कहा जा रहा है कि वह किसी भी क्रिमिनल व्यक्ति की बेल करवाने के लिए साइन नहीं करेंगे। उसने आरोप लगाए कि राजनीति के चलते उन्हें साइन कर के नहीं दिए जा रहे। क्योंकि उन्होंने सरपंच को वोट नहीं डाला था। वहीं दूसरी और गांव के सरपंच संदीप सिंह और नंबरदार बलबीर सिंह ने कहा कि उन्होंने गांव में मत पास किया है कि पंचायत किसी भी नशा तस्कर वह क्रिमिनल व्यक्ति का साथ नहीं देगी।
गांव में माहौल खराब करना नहीं चाहते
उन्होंने बताया कि गांव की महिला सतिंदर कौर का पति संदीप सिंह(साबी) एक क्रिमिनल व्यक्ति है, जो गांव में नशा बेचता था और लोगों के साथ लड़ाई झगड़ा करता था। अब चोरी के मामले में जेल में बंद है, जिसे 10 साल की सजा हुई है। अगर वह गांव में आ गया, तो फिर से लोगों के साथ लड़ाई झगड़ा करेगा और नशा बेचेगा। उन्होंने बेल के कागजात पर साइन नहीं किए, क्योंकि माहौल खराब नहीं होने देना चाहते।