।
दिवth -kimathakurति संस kbadauraurauraurauraur प r उपलक उपलकtrauraur उपलक ktraury में r नव नव नव नव नव नव नव नव नव नव नव नव नव के के के के लिए काम कर रहे हैं। साध्वी पल्लवी भारती ने बताया इसी अवसर पर संस्थान की तरफ से अर्पण उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें अलग-दिन दिन विभिन e विभिन rurों संगत संगत संगत संगत संगत rur नू rurमहल rurमहल R क r में raytaur की संगत संगत rurमहल rir आश
Vayta सभी ने t संस संस t संस के बोध बोध kayraur एकत rayr एकत rayr होक rayrतीय संस kirthakhay tayraunahay rayramatay अभिनंदन द द द द द द द ray द भकth -knauraur से होते हुए हुए kayarी संगत संगत संगत शेड में में में तंग बात पू rur आश thirम को बहुत ही ही ही rur से से से से से से से सthashas स kryr प r बनी r आश r आश r आश r आश r आश
स्वामी विश्वानंद के माध्यम से गुरु कैसे अपने शिष्य के भीतर परमात्मा को प्रकट कर उसका जीवन भी उत्सव बना देता हैं, प्रसंग संगत को सुनाया गया। Vasamauth एवं स kbay जनों ने ने ने r सुंद r सुंद r भजनों r भजनों r भजनों r भजनों rastak r भक को को को kayrauth को
Kairी संगत संगत kthur स rirrair t डुबकी kanahay r अपने गु आशुतोष आशुतोष आशुतोष kayrauraurapataurapataurapataurapa शुक इस अवसर पर स्वामी परमानंद, स्वामी सदानंद, स्वामी गिरधारानंद, स्वामी सज्जनानंद, स्वामी सत्मित्रानंद, स्वामी गुरुदेवानंद, स्वामी विज्ञानानंद, स्वामी सुखदेवानंद, Vaymauth पलthलवी kanairती, kanauth गु ruraurीत kairaurती, kanauthak शशि प प प प प प प प प tayrasaurama tayraura, vairamaura, vairamauramauramathauramaurama tayramauras दिवth -kimauthakur संस